छूटी में हुई ग्रुप चुदाई – long
छूटी में ग्रुप में चुदाई हो गयी। नाइस एंड लॉन्ग हॉट ग्रुप सेक्स स्टोरी इन हिंदी लैंग्वेज। Antarvasna hindi sex story, desi chudai ki kahani, sex kahani. अन्तर्वासना की टीम को प्रणाम जिनकी वजह से आप तक हिंदी सेक्स स्टोरीज पहुँच पाती हैं.
नमस्कार दोस्तो, कैसे हो, इस बार बहुत तरसाया आपको, बहुत ई मेल की आपने!
धन्यवाद यार… आप मुझे इतना याद करते हो और प्यार देते हो. कई चूत वाली रानियों ने भी कहा कि इस बार तो तड़प ही रही है हमारी चूत आपके इंतज़ार में!
तो फिर देखो अब मैं आ गया हूँ, एक नई कहानी लेकर और इस कहानी से अपने लंड और चूत का पानी जरूर निकालना और मुझे ईमेल पे बताना भी कैसे निकला आपका पानी. तो अब मैं ज्यादा बातें न बनाता हुआ सीधा आता हूँ अपनी ग्रुप सेक्स स्टोरी पर… मेरी ज्यादातर ग्रुप सेक्स की स्टोरीज ही होती है.
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ये कहानी है मेरी दोस्त रुचिका, सुलेखा, नेहा, मनोज, अरमान और मेरी… रुचिका मनोज की गर्ल फ्रेंड है और मनोज उसे काफी समय से चोद रहा है, सुलेखा अरमान की पत्नी है और इनकी शादी को करीब दो साल हो चुके हैं, ये खुल कर सेक्स का मज़ा लेना चाहते हैं इसलिए इन्होंने अभी किसी बच्चे की प्लानिंग नहीं की है.
तो दोस्तो, नेहा मेरी ख़ास दोस्त है जिसे मेरा हर राज़ मालूम होता है. ये मेरी कहानियों की फैन थी जो आज मेरी बहुत ख़ास दोस्त बन चुकी है और हम एक साथ चुदाई और ग्रुप चुदाई बहुत बार कर चुके हैं.
दोस्तो, हमने तीनों कपल्स का एक वटसएप ग्रुप है, उसमें हम बहुत मस्त चैट करते हैं और एक दूसरे के पार्टनर को खूब चुदाई की बातें करके तरसाते हैं, ये समझो कि हम वहाँ खुल्लम खुली चुदाई चैट करते हैं जो कि हम तीनों कपल्स के बीच ही होती है. दोस्तो, हम तीनों आपस में राजदार हैं इसलिए हम बेझिझक अपने खाली पलों का मज़ा वटसएप पे लेते हैं.
हम तीनों में से रुचिका और मनोज ज्यादातर वटसएप पे ऑनलाइन ही रहते हैं. उसकी वजह यह है कि उन दोनों की जॉब ही कुछ ऐसी है, मनोज की जॉब एक बड़ी कम्पनी में मार्केटिंग मैंनेजर की है तो वो हमेशा फील्ड में रहता है और बिज़नस टूर पे ज्यादा होता है, सुलेखा भी एक इन्श्योरेन्स कंपनी में सेल्स मैंनेजर के पद पर है, इसलिए इन दोनों को वक्त ज्यादा मिल जाता है वटसएप पे रहने के लिए!
ऐसा नहीं है कि हम सभी वटसएप पे कम आते हैं, हम भी दिन भर फुर्सत के पलों में सभी मैसेज का रिप्लाई देते हैं और इनके नग्न वार्तालाप का पूरा दृश्य हूबहू साक्षात करते हुए इनकी चूत लंड को हौसला देते हैं.
वैसे वटसएप सेक्स चैट का भी अपना ही आनन्द है, चूत लुंड को चुदाई तो नहीं परंतु चुदाई जैसी असली फीलिंग जरूर करवा देती है हमारी ये चैट!
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जब कभी हम सभी मिलते हैं फिर तो कहना ही क्या… फिर तो चुदाई का ऐसा रंग जमता है कि सारी सारी रात चुदाई चलती है और फिर तो आने वाले दो तीन दिन चुदाई की जरूरत ही नहीं पड़ती.
हम महीने में कम से कम एक बार तो जरूर मिलते हैं. महफिल अक्सर मेरे घर या मनोज के घर ही जमती है क्योंकि हमारे घर काफी खुले हैं और यहाँ किसी की डिस्टर्बेंस भी नहीं है.
अरमान भी एक कम्पनी में काम करता है, वो परचेज मैंनेजर है, इसलिए दिन में ज्यादा बिज़ी होता है और उसकी पत्नी सुलेखा भी एक कम्पनी में कंप्यूटर ओपरेटर है इसलिए वो भी बिजी होती है, परन्तु फिर भी टाइम टाइम पे रिप्लाई देती रहती है, उसके रिप्लाई बहुत मस्त होते हैं, क्योंकि वो चैट में बहुत खुले शब्द इस्तेमाल करती है और चैट में रंग जम जाता है.
वैसे उसका जिस्म भी बहुत आकर्षक है, उसकी बॉडी की लुक देख कर लगता नहीं है कि वो मैरिड है, अपने आपको पूरा फिट रखती है. मैं तो जब मिलता हूँ, हमेशा उसे लिप लॉक किस करके मिलता हूँ, क्योंकि वो दिखने में तो है ही सुन्दर, दूसरा अपने होंठों पे रेड कलर की लिपस्टिक के साथ कातिलाना मुस्कान रखती है.
इसी तरह मेरी नेहा भी किसी से कम नहीं है, नेहा भी अपने जिस्म को फिट रखती है, और नेहा की एक ख़ास बात ये है कि वो लंड को चूसते हुए अपने मुंह में झड़वाना पसंद करती है, दूसरा सेक्स में हर तरह से मेन्टेन हो जाती है, मतलब उसे किसी भी तरह से सेक्स करना या सेक्सी बातें करने में दिक्कत नहीं आती और सोसाइटी में आम लोगों की तरह से सभ्य तौर पे विचरना भी खूब जानती है, उसकी यही अदाएं मुझे अच्छी लगती हैं.
मेरे बारे में तो आप सभी जानते ही हो. हम सभी की आयु 25 से 30 के बीच बीच है.
अरे बोर मत हो दोस्तो, ये तो सिर्फ हमारी इंट्रो थी, बस कहानी अब शुरू होने जा रही है.
शनिवार की सुबह मैं घर से निकला और रास्ते से नेहा को पिक किया और एक लिप किस के साथ हम दोनों मिले उसके बाद मैंने अपनी कार को सीधा कर दिया मनोज के घर की तरफ, मनोज का घर करीब हमारे घर से से 1 घंटे की दूरी पर है. रास्ते से मैंने कुछ नाश्ता ले लिया और अरमान को काल करके बोल दिया कि वो नाश्ते न बनाएं, हम लेकर आ रहे हैं.
11 बजे के करीब हम मनोज के घर में थे. हम सभी एक दूसरे को गले लग कर मिल ही रहे थे कि डोर बैल दुबारा बजी तो रुचिका बोली- सुलेखा और अरमान होंगे!
उसका कहना सही था, वो आ पहुंचे थे, हम उनको भी गले लग कर मिले और हमेशा की तरह सुलेखा को मैंने सभी के सामने लिप लॉक किस की, तो सुलेखा ने भी मेरी किस का पूरा सहयोग दिया. पास खड़े सभी दोस्तों ने तालियाँ बजाई और हमें देख कर नेहा सुलेखा को बोली- अरे साली आती ही शुरू हो गई, हम तो अंदर भी नहीं घुसे!
किस के बाद सुलेखा बोली- क्यों तू हम दोनों से जल रही हैं न, अब मैं तेरे हसबैंड को अपने साथ ही ले जाऊंगी पक्का!
नेहा कहने लगी- अरे ले जा ले जा, मेरे पास अपने वाला छोड़ जाना…
ऐसे हँसते हुए हम मनोज के अंदर आ गए तो मनोज और रुचिका ने हमें अपने ऊपर के फ्लोर में बिठाया और पानी, कोल्ड ड्रिंक सर्व करने लगे.
बातें करते करते मनोज कहने लगा- हम साथ वाले हॉल में चलते हैं.
हम सभी उठ कर हाल में चले गये.
वाओ… क्या तैयारी की थी मनोज और रुचिका ने… हाल में बैड को उठा कर नीचे गद्दे लगा कर ऊपर अच्छे से बैड शीट्स बिछा दी थी, पास ही एक एक टेबल रखा गया था उसके ऊपर गद्दों के ऊपर दो बड़े कम्बल और भी रखे हुए थे. गद्दों से थोड़ा हट कर फर्श पे चार कुर्सियाँ भी रखी हुईं थी.
हाल का नजारा बहुत मनमोहक था, रूम फ्रेशनर से कमरा महका दिया गया था, एक कोने में ताजे गुलाब और गेंदे के फूलों का एक गुलदस्ता बना कर रखा हुआ था जिसमें से महक आ रही थी. हम जैसे ही हाल में घुसे तो अपने आपको एक बार तरोताज़ा महसूस किया.
अरमान बोला- वाओ यार, तुमने तो फाइव स्टार रूम बना रखा है.
मनोज और रुचिका हमें देखकर मुस्कराने लगे, रुचिका बोली- ऐसे ही है फिर!
फिर रुचिका बोली- आप बातें करो, हम आपके लिए चाय नाश्ता लेकर आते हैं.
वो जाने लगी तो नेहा और सुलेखा भी रुचिका के साथ ही नीचे चली गईं. अब हम तीनों दोस्त जूते उतार कर गद्दों पे आ गये, बैठ कर बातें करने लगे.
मैंने मनोज से पूछा- क्यों आज क्या प्रोग्राम है फिर, कैसे कैसे प्लान किया है?
मनोज बोला- हमने क्या प्लान करना है, अब सभी आ गये, आप बनाओ प्लान कैसे क्या करना है.
तभी अरमान कहने लगा- यार, क्यों न इस बार कुछ अलग किया जाये!
मैंने कहा- अलग मतलब?
वो बोला- अलग मतलब कुछ ऐसा करें जिस से हम सभी को अच्छा मज़ा भी आए और हमारी तीनों हिरोइनें भी खुश हो जाएँ!
तो मनोज कहने लगा- यार ऐसा करो, ऐसे कल्पना से कुछ नहीं होने वाला, जब करेंगे, जैसे जैसे कंफर्टेबल होता जायेगा करते जायेंगे!
मैंने मनोज की इस बात पर ही हामी भर दी.
तभी नीचे से रुचिका, सुलेखा और नेहा आईं, सभी के हाथ में कुछ न कुछ सामान था.
मनोज ने टेबल पर पड़ी डाइनिंग शीट उठाई और गद्दों पे बिछा दी, उस पर सभी ने बर्तन रख दिए, वो चाय की केतली, नाश्ता लेकर आईं थी.
हम सभी ने हंसी मज़ाक करते हुए हल्का फुल्का नाश्ता किया तो जैसे ही रुचिका और अंशिका बर्तन लेकर नीचे जाने लगीं, रुचिका कहने लगी- आज का प्लान हम फीमेल बनायेंगी.
अरमान तुरंत बोल उठा- अरे वाओ, हम तो सोच ही रहे थे कि कैसे किया जाये, क्या तुमने भी कोई प्लान बना रखा है?
अंशिका बोली- हाँ जी, हमने भी बनाया हुआ है प्लान!
कहकर वो दोनों नीचे भाग गईं और नेहा उठ कर टेबल को गद्दों के पास करने लगी.
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