चुदक्कड़ भाभी और उनकी बेटी – Antarvasna Bhabhi sex story

चुदक्कड़ भाभी और उनकी बेटी

दोस्तों चुदक्कड़ भाभी की ये कहानी है। और साथ ही आ जाती है उनकी बेटी यानी मेरी भतीजी। अब दोनों के साथ में चुदाई करने का मज़ा ही कुछ अलग हो जाता है। उस समय देल्ही में अपने परिवार के साथ रहता हूँ। मेरे घर मे माँ पापा और मैं हूँ,

हम रेंट पे रहते है, हम जिसके मकान में रहते है उस भाभी का आदमी नहीं है कुछ साल पहले वो स्वर्गवासी हो गया अब भाभी और उनकी बेटी सरिता ही है घर में। भाभी की लड़की को मैं दीदी कहता था। ह्म दोनो की फॅमिली मे अच्छी बनने लगी पर मैं बहुत शर्माता का था तो उनलोगो से बात नहीं करता था. एक बार की बात है बार दीदी कही शादी मे गई थी तो सुबह आने वाली थी तो भाभी ने कहा की मैं उनके यहा सोने आ जाऊं क्यों की भाभी को डर लगता था अकेले सोने में, माँ ने मुझे भेज दिया.भाभी की उम्र ४५ साल थी, और चुचे बड़े थे पर उतने टाइट नहीं थे, पर मुझे फ़र्क नि पड़ता क्यूकी कैसे व हों चोदने मे हमेशा मूठ मरने से ज़्यादा ही मज़ा आता है।

मैं गया तो उन लोगो क पास एक ही बेडरूम था. तो हम और भाभी दोनो बेड के एक कोने पर सो गये. भाभी ने नाईटी पहनी थी, शायद वो शर्मा रही पर डर लग रहा था इसलिए मुझे बुला लिया था. और एकदम किनारे पर सोई थी बेड के, की तभी फिसल क बेड से नीचे गिर गई.

मैं तुरंत उनके पासा गया और तुरंत उनके कमर मे हाथ डाल के उठाने लगा मैने सोचा इसी बहाने छूने को तो मिलेगा मैने उन्हे बेड पर लिटाया, उनकी गांड मे चोट लगी थी पर मेरे सामने वो सहला नहीं पा रही थी, उन्होने मुझे किचन से पानी लाने को कहा, मैं समझ गया और दरवाजे से देखने लगा मेरे जाते वो गंद को सहलाने लगी, और दर्द से अजीब फेस बना रही थी।

मतलब ज़्यादा चोट लगी थी, मैं पानी ले के आया ,वो फिर नॉर्मल होने की कोशिश करने लगी, मैने पूछा भाभी कहा चोट लगी ह, कोई क्रीम लगा लो, वो बोली नि कहीं नहीं लगी, पर उनके आँखो मे आँशु थे, मुझे दया आई और मैने कहा भाभी डोंट वरी आप लगा लो मैंने एक क्रीम आलमारी से निकाल के दिया और कहा तब तक आप लगा लो मैं छत पर से घूम कर आता हु , मैं उन्हे क्रीम देके चला गये जब कुछ देर बाद आया तब व भाभी रो रही थी, मैने पूछा क्या हुआ, तो उन्होने कहा मैं क्रीम नहीं लगा पा रही हु और दर्द भी काफी हो रहा है, तो मैने तुरंत कहा मैं लगा देता हूँ,आप शरमाइए ना मैं आपकी बेटी से व छोटा हूँ मुझसे क्या शरमाना तो काफ़ी सोचने क बाद उन्होने कहा ठीक है लगा दे. वो पेट क बाल लेट गई।

मैने तुरंत उनकी नाईटी कमर से ऊपर तक की, और इससे पहले वो कुछ कह पाती मैने उनकी पेंटी खीच के उतार दी और गांड पे मूव लगाने लगा, फिर वो कुछ नहीं बोली, भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी उनकी गांड बड़ी थी, मैं दोनो चूतडो को फैला कर मालिश कर रहा था ताकि उनका छेद दिख सके, छेद बहुत छोटा था जैसे किसीने आज तक उनकी गांड मारी ही नहीं हो, मैं खूब अच्छे से मालिश कर रहा था ,और उनके छेद पर व उंगली ले जा रहा था। वो मजे से मालिश करवा रही थी उन्हें आराम लग रहा था वो कुछ नहीं कह रही थी, मैने पूछा भाभी कैसा लग रहा ह तो उन्होने कहा अब अब रहने दो, मैने कहा थोड़ी देर और कर दूं वरना फिर दर्द करने लगेगा तो उन्होने कहा थी है, कुछ देर बाद वो सो गई और मैने उन्हे सीध घुमाया मेरे सामने उनकी एकदम नंगी बूर थी मैने उनकी टाँगे फैलाई तो मुझे वहा गीला महसूस हुआ।

मैं समझ गया भाभी को मजा आ रहा था, बस अब तो मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैने तुरंत उनकी बूर पर अपना मूह रख दिया और चाटने लगा ,क्यूकी मैं जनता था अगर वो जाग व गई तो चाटने से उन्हे इतना मज़ा आएगा की वो ना नि करेंगी, उनके मूह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ आ रही थी पर आँखे बंद थी मैने उनकी नाइटी को पूरा निकल दिया,उन्होने ब्रा नहीं पहना था, अब वो बिल्कुल नंगी थी,मैं व अपने सारे कपड़े निकाल के सो गया उनके उपर,बड़ा मज़ा आ रहा था।

मेरे सीने क नीचे उनके चुचे और मेरे लंड क नीचे उनकी बूर. मैं जानता था वो जाग रही और उनकी बूर चाटने की वजह से वो गरम व हो चुकी थी,पर मैं चाहता था वो सोने का नाटक छोड़े,क्यूकी अगर सोने क नाटक मे चोदा तो वो फिर शायद मौका ना दे पर अगर जागते हुआ चोदा तो जब चाहूँगा तब बूर मिलेगी, मैं उनके सरीर से उतरा और किनारे जाके सो गया,उन्हे समझ नहीं आया मैं ये क्या कर रहा हूँ,उन्हे बूर की गर्मी पागल कर रही थी इसलिए वो मेरी तरफ आई और मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी,मेरा 7 इंच का लंड एकदम टन गया था,उन्होने मूह मे लिया और चूसने लगी,मैं उनके बाल को सहलाने लगा वो मेरी तरफ देखी और मुस्कुरा दी,फिर उन्होने का अब प्लीज मुझे चोद दो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा,मैने कहा जानू थोड़ा और चूसो ना मेरा लंड,फिर हम 69 पोज़िशन मे आ गये.वो तैयार नहीं थी वो बस चुदना चाह रही थी, पर मेरे ज़ोर देने पर आ गई,मे उनकी बूर चाट रहा था,और अपनी एक उंगली मे थूक लगा क उनकी गांड मे घुसा रहा था,एक उंगली किसी तरह घुसी पर वो चिल्लाई, दर्द होता है।

गांड में और तुम्हे गांड में क्या मिल रहा है गांडू, फिर उन्होने मेरी तरफ गुस्से से देखा मैं डर गया,वो घुमी और मुझे खीच केअपने उपर किया और मेरे लंड को हाथ मे पकड़ क अपनी बूर क छेद पे रखा .मैं समझ गया अब इससे बर्दाश्त नहीं होगा,मैने ज़ोर से धक्का मारा और आधा अंदर गया,बूर गीली थी पर टाइट भी थी इतनी दिन से चूदि नहीं होगी ना, मैं धक्के पे धक्के मरता रहा 10 मीं बाद उन्होने कहा अंदर अपना माल मत निकालना,जब मेरा निकलने वाला हुआ तब मैने अपना लंड बाहर निकाला और वो मूह मे लेकर चूसने लगी.कुछ देर बाद मैं उनके मूह झड़ गया,

वो तो पहले ही 3 बार झड़ चुकी थी,फिर हम वैसे ही सोए रहे नंगे,सुबह व होने वाली थी,हम दोनों एक दूसरे को पकड़ के सो गया, सुबह जब नींद खुली तो उनकी बेटी के आवाज से, वो खिड़की से झांक के देख रही थी और माँ माँ चिल्ला रही थी, उसने हम दोनों को नंगे देख लिया, फिर भाभी फटा फट नाइटी पहन के दरवाजा खोली, उनकी बेटी अंदर आई और बोली यहाँ रात भर क्या चल रहा था माँ, उसकी माँ और मैं एक दूसरे का मुह देख रहे थे, भाभी बोली कुछ भी नहीं बस वो मेरा मालिश कर रहा था मैं बाथरूम में गिर गयी थी. उसके बाद क्या हुआ दोस्तों, मैं आगे की कहानी में बताऊंगा मैंने उनकी बेटी को भी चोदा उसी दिन, ये सब कैसे संभव हुआ मैं आगे की कहानी में आपको बताऊंगा। सुबह सुबह भाभी की बेटी सरिता ने हम दोनों को नंगे देख लिया था, और वो पुछि भी थी की ये सब क्या हो रहा है, तब मैं और भाभी एक दूसरे का मुह देखने के अलावा और भी कुछ नहीं बोल पाये।

सरिता वह खड़ी होकर पूछ रही थी तभी, भाभी बाथरूम में चली गयी और बोली मैं नहाने जा रही हु, और मैंने भी किसी तरह से वह से निकल पड़ा, सरिता वही खड़ी रह गई, दोपहर को मेरे मोबाइल नंबर पे फ़ोन आया था की, अंकित मैं तुम्हे अपना छोटा भाई मानता हु और तुम मेरे से उम्र में दो साल के छोटे हो, तुम्हे मेरे माँ को नहीं चोदना चाहिए था।

माफ़ करना मैं गलत वर्ड इस्तेमाल कर रही हु, पर आज मैं बोलूंगी, तुमने मेरे माँ का चूत फाड़ा है, क्यों की मैंने अपनी माँ को नंगड़ाते हुए देखा है, कैसे वो अपना कमर पकड़ के चल रही है, पता है की माँ की उम्र जयादा है और तुमने अपना मोटा लैंड घुसाया होगा, कहा सहती वो, कह रही थी दर्द हो रहा है, मुझे पता है उनकी चूत फट गयी होगी। तब मैंने कहा अगर तुम चुप हो जाओ तो मैंने तुम्हे बता सकु की तेरी माँ क्यों नांगडा रही है, मेरे लंड से उन्हें कुछ भी नहीं हुआ है, वो तो रात भर मुझसे आराम से चुद्वाते रही थी, वो आराम से चुदी है, उनका चूत नहीं फटा है, मैंने आराम आराम से चोदा है, दर्द उनके कमर में हो रहा है क्यों की वो रात को निचे गिर गयी थी।

रात में मैंने मूव की मालिश भी किया था भाभी को, पर मालिश करते करते हम दोनों सेक्स करने लगे, इसमें मेरी क्या गलती है, और हां सरिता तुम्हे एक बात और बता दू. उनकी भी कोई गलती है है क्यों की उन्हें भी तो चुदने का मन करता होगा, पता है ना जिनका पति नहीं होता है उनके दिल पे क्या बीतता होगा. तब वो थोड़ी शांत हुयी और बोली थैंक्स यार मैं नहीं थी, और तुमने मेरी माँ को मालिश किया था, हां मैं समझ सकती हु, उनके दिल का हाल, क्यों की मैं खुद भी चुदे हुए नहीं रह सकती. तो मैंने कहा सरिता तुम? तो बोली हां यार जब मैंने तुम्हे इतनी गन्दी गन्दी बात बोल दी तो ये बोलने में क्या जाता है, मैंने हरेक संडे को अपने बॉय फ्रेंड से चुदती हु,

तो मैंने आव देखा ना टो मैंने कहा सरिता दीदी एक बार मुझे मौका दो आप भूल जाओगे अपने बॉय फ्रेंड को, तो सरिता न कहा सच क्या बात है तुममे जो उसमे नहीं है, तो मैंने कहा बता तेरे बॉय फ्रेंड का लंड कितना बड़ा है तो वो बोली पांच इंच का तो मैंने कहा बस हो गया न, मेरा लंड आठ इंच का है, और ये बता तेरा बॉय फ्रेंड कितना देर तक तुम्हे चोद सकता है तो वो बोली दस से पंद्रह मिनट, तो फिर मैंने कहा बस, और मुझे देख, मैंने करीब दो घंटे तक चोद सकता हु, या मैं वेट कर सकता हु जब तक की तुम ना झड़ जाओ, और शॉट तो मत पूछो, ऐसा देता हु की चूचियाँ फूटबाल की तरह हिलती है. सरिता बोली वाओ क्या बात है, क्या तुम मुझे एक दिन मजा चखाओगे, तो मैंने कहा बोल तू कब चाहती है।

तो सरिता बोली अब तू मुझे दीदी मत बोलना, मैंने कहा ठीक है जान नहीं बोलूंगा, फिर बोली सुन मेरी बात अभी मेरी माँ मासी के यहाँ जा रही है वो रात को ११ बजे तक आएगी, और अभी ३ बजे है, वो बस पंद्रह मिनट में निकल जायेगी वो साडी पहन रही है, मैंने ख़ुशी से उछाल गया, मेरी माँ भी घर पे नहीं थी, वो भी रात को ही घर पे आती, करीब पन्दरह मिनट बाद फ़ोन आ गया, सरिता थी, बोली कहा हो मेरी जान मोटे लंड बाले सैया, आजा तेरा इंतज़ार कर रही हु, पता नहीं दोस्तों ये बात सुनकर मुझे ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, मैंने पहुंच गया, सरिता, ब्रा और पेंटी में ही थी, बाल खुले थे।

लाल लाल होठ कर रखी थी लिपस्टिक लगा के एक दम रंडी लग रही थी, मैंने उसको जाके पकड़ लिया और होठ चूसने लगा उसके सारे लिपस्टिक को चाट गया, और फिर ब्रा खोल के उसका बूब पिने लगा, वो मेरे बालों को सहलाने लगी, और मोइनन् कर रही थी आअह अंकित आआह चोद दे मुझे जब से आज सुबह तुम्हे देखा है मेरा चूत पानी पानी हो रहा है| क्या नशीब पाया है, सुबह माँ चुदी और दोपहर को बेटी चुद रही है, ऐसा नशीब किसी किसी को ही मिलता है उठा ले फयदा, और वो मुझे गले से लगा ली, उसकी चूचियाँ चिपक के मेरे छाती से टकरा रहा था, और वो मेरा जीन्स खोल दो और बोली दे दे मेरा आइसक्रीम, कहा है

आठ इंच का लंड मुझे चूसना है, मैंने कहा लेले ना किसने तुम्हे मना किया है, तेरे लिए सब कुछ हाजिर है और मैंने लंड निकाल दिया, वो बोली बाप रे बाप कितना बड़ा लंड, अंकित प्लीज धीरे से घुसाना इतना मोटा और बड़ा लंड मैं कैसे सहूंगी, मैंने कहा तेरे यहाँ बटर है, तो बोली हां, मैंने कहा ले आ, वो बटर ले के आई और मैंने कहा लंड पे लगा दे, वो लंड पे बटर लगा दी, और मैंने उसको लिटा दिया और पेंटी खोल दी, वो पूरी नंगी थी, उसकी चूत बिलकुल साफ़ थी, मैंने पूछा क्या तू झाटों को कितने दिन में साफ़ करती है तो वो बोली हरेक संडे को साफ़ करती हु, जब भी मैं बॉय फ्रेंड से चुदने जाती हु, और मैंने दोनों पैरो को अलग अलग किया और चूत को चाटने लगा, वो आअह आअह आअह करने लगी, फिर वो 69 के पोजीशन में आ गया वो मेरे लंड को चाट रही थी और मैं उसके चूत को चाट रहा था, फिर वो बोली मत तड़पा मुझे, चोद दे, मैं फिर फिर से उसके पैर को अलग अलग किया और दोनों पैर अपने दोनों कंधे पर रखा।

उसकी चूत मेरे सामने थी, लंड को छेद पे रखा और जोर से घुसाया, छटक के मेरा लंड करीब ४ इंच गया था, पर सरिता चिलाने लगी, निकल लो अपना लंड मेरे चूत का सत्यानाश कर दिया, मैं मर गई, इतना मोटा लंड, कौन बोला जोर से घुसाने, मैं भी तैश में आ गया, और बोला मादरचोद दर्द हो रहा है, और फिर एक झटका दिया और पूरा लंड उसके चूत में डाल दिया, वो भी थोड़े देर बाद, गांड उठा उठा के चूत मरवाने लगी, और मैं भी देने लगा, फिर क्या था।

एक बार चोद के फिर एक घंटे बाद चोदे, फिर थोड़े देर बाद, इस तरह से ४ बार चुदाई की थी, मैंने सोचा भाभी आने से पहले ही चला जाऊंगा, पर कब आँख लग गयी दोनों की पता ही नहीं चला, और भाभी आ गयी, जैसे सुबह आउनु खिड़की से सब कुछ देखि थी वैसे ही भाभी भी देख रही थी और पुकारी, हम दोनों हड़बड़ा के उठे, और सरिता ने दरवाजा खोला, फिर सरिता की माँ ने सरिता को डाटने लगी, कहने लगी, तुम तो रंडी निकली, तो अन्नू भी बोली तू क्या कम है तुम भी तो अपने बेटे के उम्र के लड़के से चुदी है, अगर मैं भी उससे चुदवाई तो तुम्हे क्या परेशानी है, उसकी माँ चुप हो गयी और बोली, ठीक है, जो करना है कर, फिर क्या था दोस्तों उसके बाद तो दोनों को चोदने लगा मैं।

कई बार तो उसकी माँ रसोई में होती तो सरिता को चुदाई करने लगता, उसकी माँ अगर बुलाती तो कहती बस माँ १० मिनट माँ, और उसकी माँ गाली देने लगती, की रंडी कभी भी चुदने लगती है,

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