Antarvasna, aunty ki chut chudai. Antervasna, Aunty sex stories, Bhabhi sex stories
रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था.. उनका एक रेस्टोरेंट है.. जिसमें उसके पापा खुद कुकिंग करते हैं।
रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया।
कुछ समय बाद मुझे तकरीबन रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था।
अब रॉकी के पापा कई बार मुझे अकेला छोड़ कर अपने दूसरे काम कर लेते थे।
अचानक रॉकी के पापा को अपनी प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।
अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी मदद करवा दिया करता था और कई बार रॉकी स्कूल जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थीं।
आंटी बहुत खूबसूरत हैं.. सांवला रंग कोई 5 फीट 9 इंच हाइट.. और सेक्सी फिगर… उन्हें देख कर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 17 साल के लड़के की माँ हैं। उनकी उम्र 35 की है पर रॉकी के पापा की उम्र 48 वर्ष की है… मतलब उनके पति ने जवान कली को ही चूस कर माँ बना दिया था।
कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी इंडिया जाना पड़ा।
अब मैं और आंटी अकेले ही रेस्टोरेंट में होते थे।
आंटी इंडियन थीं पर रेस्टोरेंट में काम करने के वजह से अधिकतर जीन्स और टी-शर्ट ही पहनती थीं। जब कभी काम कम होता तो आंटी रसोई में मेरे साथ बातें कर लेती थीं।
मैंने कभी आंटी को गंदी नज़र से नहीं देखा था।
एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाइट टी-शर्ट पहनी और लो-वेस्ट जीन्स पहनी.. जिसमें उनके मम्मे और पिछवाड़ा बहुत ही अच्छे लग रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था..काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थीं.. पर मेरी नज़र बार- बार उनके मम्मों पर जा रही थी.. शायद उनको भी इस बात का पता चल गया था।
हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे ड्रॉप करके अपने घर चली गईं।
अगले दिन उन्होंने एक कुर्ता टाइप का टॉप पहना था जिसमें उनकी क्लीवेज साफ़ दिखाई दे रही थी।
मेरी नज़र फिर से उनके मम्मों पर ही रही।
कुछ ग्राहकों को खाना सर्व करने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गईं और मुझसे बातें करने लगीं।
आंटी आज काफ़ी खुश लग रही थीं।बातों-बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्ल-फ्रेण्ड के बारे में पूछा।
मैंने शर्मा कर बोल दिया- सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, गर्ल-फ्रेण्ड कैसे बनेगी।
वो बोलीं- यह बात.. तो ठीक.. चल मैं तेरी मदद कर दूँगी, रेस्टोरेंट में जो आए अगर तुझे पसंद आए तो बता देना…
मैंने शर्मा कर कहा- आंटी जी रहने दीजिए.. मैं बहुत शर्मीला किस्म का हूँ और किसी से खुल कर बात भी नहीं कर सकता।
इस पर वो अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुरा कर बोलीं- हाँ देख सकता है, पर बात नहीं कर सकता।
आज रेस्टोरेंट में काफ़ी काम था.. उन्हें खाना लेने के लिए काफ़ी बार रसोई में आना पड़ रहा था.. तो कई बार मेरा हाथ उनकी गाण्ड को टच हुआ.. कई बार उनके मम्मे मेरी पीठ को छू रहे थे..
शाम को मैं काफ़ी थक गया तो उन्होंने मुझे व्हिस्की का एक पैग बना कर दिया.. ताकि मैं थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ.. क्योंकि अभी 3 घंटे और काम करना बाकी था।
सामान्यतः हम तीन लोग काम करते थे.. पर अंकल और रॉकी के ना होने से सिर्फ़ 2 ही लोग थे।
एक घंटे बाद आंटी ने मुझे एक और पैग दिया.. मैंने वो भी झट से पी कर काम और तेज कर दिया।
आंटी जी मुझे ही देख रही थीं और मेरे पास आकर बोलीं- तुम तो बहुत तेज काम करते हो.. हाँ अभी जवान हो.. अभी तुम्हारी उमर है.. तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो…
मैंने उनकी तरफ देखा और वे हँस कर चली गईं।अब वे मुझे हर आधे घंटे में एक पैग देने लगीं और अब तो व्हिस्की ज्यादा पानी कम होता था।
काम के खत्म होते-होते व्हिस्की ने अपना करतब दिखा दिया।
अब मैं कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोलीं- आज तू हमारे घर चल.. तुझे इंडियन खाना खिलाती हूँ।
उनका घर मेरे अपार्टमेंट के पास ही था।
मेरा सर घूम रहा था और भूख भी लगी हुई थी तो मैंने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दीं।
घर जाकर आंटी फ्रेश होने चली गईं जब वो बाहर आईं तो क्या गजब माल लग रही थीं।
उन्होंने एक सेक्सी सा पारदर्शी सूट पहना था… जिसमें से उनकी ब्रा दिख रही थी।
आंटी मेरे पास आईं और हाथ में तौलिया दिया और बोलीं- फ्रेश हो जा…
मैं भी फ्रेश होने बाथरूम गया तो बाथरूम में बहुत अच्छी सुगंध आ रही थी और फुव्वारे के पाइप पर आंटी की ब्रा और पैन्टी टंगी हुई थी।उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल-गोल मम्मे घूमने लगे।
मैंने ब्रा और पैन्टी को उठा कर सूँघा तो बड़ी अच्छी सी खुश्बू आई.. पर मैंने डर कर फिर वहीं टांग दी।मैं बाहर आ गया।
आंटी टेबल पर खाना लगा रही थीं।खाना लगाते वक़्त थोड़ा झुक रही थीं तो मुझे उनके मम्मे पूरे दिखाई देते थे और मेरा लंड खड़ा हो गया।
आंटी ने मुझे एक और पैग बना कर दिया.. यह पैग काफ़ी स्ट्रॉंग था और मैं पहले भी काफ़ी पी चुका था मैंने मुश्किल से पैग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला।
फिर हम खाना खाने लगे..मेरी नज़र आंटी के मम्मों पर बार-बार जा रही थी।
खाना खाते-खाते 12 बज चुके थे.. जब मैं जाने के लिए उठा.. तो शराब के नशे की वजह से थोड़ा हिल सा गया..
तभी आंटी ने मेरे पास आकर मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे सहारा दिया।उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के मम्मों पर आ गया था।
आंटी बोलीं- अविनाश यहीं सो जा.. तेरे से चला नहीं जाएगा।
इस पहले मैं कुछ कहता आंटी फिर बोलीं- अगर तुझे चोट लग गई तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा।
और आंटी मुझे अपने कमरे में ले गईं और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट दे दी.. जो कि रॉकी की थी।
नशे में होने की वजह से मेरे से वो पहनी नहीं जा रही थी तो आंटी मेरी मदद करने लगीं।
मेरी पैन्ट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लौड़े को टच किया और वो खड़ा हो गया।
अभी मैं अंडरवियर में ही था.. मेरे लण्ड के खड़े होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोलीं- वाउ … इतना बड़ा..!!
मेरा लण्ड कुछ 7 इंच का है। ‘इतना बड़ा लण्ड तो मैंने कभी नहीं देखा…’
फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे बिस्तर पर बिठा दिया।अब वे मेरे लण्ड से खेलने लगीं.. और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगीं।वो मुझे चुम्बन करने लगीं।उन्हें अच्छी तरह से पता था कि कौन सा चुम्बन कैसे करना है।शायद उन्हें काफ़ी अनुभव था।
आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रखा और मुझे ‘फ्रेंच-चुम्बन करती रहीं।
आंटी के मम्मे बहुत सख्त थे.. जैसे काफ़ी समय से किसी ने छुए ही ना हों और आंटी मुझे पूरे जिस्म पर चुम्बन करने लगीं।
मेरी छाती से होते हुए उन्होंने नीचे तक चूमा और फिर मेरे लंड को मुँह में डाल लिया।
काफ़ी देर लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने मम्मों को चूसने को कहा।
मैंने भी उनके मम्मों का पूरा रस पिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत की चुम्मी करने को कहा..
मैंने जैसे ही चूत चूमी तो देखा कि वो बहुत ही गीली थी। मुझे उनके पानी का स्वाद भी काफ़ी अच्छा लगा। इससे पहले मैं कुछ कहता.. उन्होंने मेरा सर पकड़ कर चूत से चिपका दिया ‘किस मी..’ कहने लगीं।
कुछ 15 मिनट तक मैं उनकी चूत को चाटता रहा।तभी उनका पानी निकल गया जो सारा मेरे मुँह पर लग चुका था।
तभी उन्होंने मेरे मुँह को पकड़ लिया और चाटने लगीं।
आंटी की प्यास अभी नहीं बुझी थी.. वो मुझे किस करती रहीं फिर मेरे लंड को देख कर मुस्कराईं और बोलीं- आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल..
वो अपनी टाँगें फैला कर लेट गईं और मैंने लंड चूत में पेल दिया।
कुछ 7-8 मिनट तक रगड़ने के बाद मैं अपनी मंज़िल पर पहुँच गया।आंटी ने लंड बाहर निकाला और मेरा सारा पानी चाट गईं।
हमने सारी रात बिना कपड़ों के बिताई और रात को 3 बार आंटी की चूत चोद कर उनकी प्यास बुझाई।
अगले दिन मैं उनकी आँखों में आँखें नहीं डाल पा रहा था।
तभी आंटी ने मुझे बुलाया और कहा- जो हुआ अच्छा हुआ.. बस हम दोनों ही इस राज़ को अपने पास रखेंगे.. वरना तुम्हारी जॉब भी जाएगी और मैं भी कष्ट भोगूँगी।
पर अब हमें जब भी मौका मिलता.. हम एक-दूसरे के पति-पत्नी बन जाते हैं और आंटी के कहने पर मेरी सेलरी भी काफ़ी अच्छी हो गई है।इसीलिए मैंने आंटी का नाम नहीं बताया और ना ही यूरोप के उस देश का नाम लिखा है।
🍄 Now 👇🏻 Book Now Russian Escorts Services
likebone Russian Escort Jaipur
molinine Russian Escort Jaipur
adlockpost Russian Escort Jaipur