पापा की परी की हो गयी चुदाई !
मेरे बाप ने मुझे चोद दिया। Antarvasna मैं अपने घर में अकेेली लड़की हूँ, अमीर घर से होने के कारण लाड़ प्यार ने मुझे बचपन से ही जिद्दी बना दिया था, मैंं हर काम में अपनी मनमानी करती थी।
दोस्तों कहानी स्टार्ट करने से पहले मैंं आपको बता देना चाहती हूँ की ये कहानी बड़ा होने के कारण दो पार्ट में होगी। आप दोनों पार्ट पढ़ेंगे तभी ज्यादा मज़ा आएगा और पूरी कहानी समझ में आएगी।
उन दिनों मैंं सेक्स के बारे में कम ही जानती थी पर कॉलेज तक आते आते मुझे चुत और लंड के बारे में थोड़ा बहुत मालूम हो गया था।
👇🏻 ऐसी ही कुछ और कहानियाँ
कॉलेज होस्टइल में लेस्बियन चुदाई
मैं और शिखा बहुत अच्छी सहेलियां बन गई थीं
मेरी मम्मी की नई नई शादी हुई थी. जी सही सुना आपने!!
पिछले साल मेरे पापा ने शेयर मार्किट में पैसा लगाया था, उनको बहुत नुकसान हुआ तो उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
कुछ ही महीनों बाद मम्मी ने अपने एक कॉलेज के टाइम के दोस्त से शादी की थी जो पेशे से डॉक्टर है।
खैर जो लोग मुझे पहले से नहीं जानते मुझे उनको बात दूं, उन दिनों मैंं जवान होती एक कच्ची उम्र की चंचल लड़की थी। एकदम भरपूर हुस्न की मालकिन. मेरा रंग हल्का गुलाबी है।
हमारे कालोनी के लड़के मुझे देखकर गंदे-गंदे इशारे करते और अपने लंड पर हाथ फेरते हुए ‘श्वेता रानी. पियोगी पानी?’ बोलते, मैंं पलटकर देखती, कोई जवाब नहीं देती, सिर्फ मुस्कुरा देती, जिससे उनकी हिम्मत और बढ़ जाती।
चेहरे पर चश्मा चढ़ाए मिनी स्कार्ट में जब मैंं अपनी एक्टिवा से कोचिंग के लिए निकलती थी तो कई लड़के बाइक से मेरा पीछा किया करते थे।
उनमें एक लड़का जो मेरे स्कूल का था, राजेश मुझे बहुत पसंद था, मैंं उसको धीरे धीरे लाइन देने लगी, मेरी उससे दोस्ती हो गई।
मैंं नासमझ कच्ची उम्र, बचपन की चड्डी से निकलकर जवानी की पैंटी में कदम रख रही थी, थोड़ी दुबली पतली थी, सीने पर उभार भी आना शुरू हुआ था।
हम दोनों दिल्ली में पार्क में मिलते, राजेश झाड़ियों में मुझे ले जाकर मेरी अधपकी चुचियों से खेलता, उनको दबाता, मसलता।
कभी कभी मुँह भी लगा देता था।
मैंं सीत्कार उठती।
Jaipur | Escorts | Service | Call Girls | In Jaipur
वह मेरा सफ़ेद शर्ट खोल देता तो कभी मेरी नीली स्कर्ट को ऊपर करके मेरी चड्डी में हाथ डाल देता था, मैंं आँखें बंद किये सिसकारियाँ भरती रहती थी।
फिर एक दिन मैंं राजेश के साथ एक खाली क्लासरूम में थी, पीछे कोने की सीट पर बैठे हम टैब पर ब्लू फिल्म देखते हुए हम दोनों पूरी तरह से प्यार में डूबे हुए थे। फिल्म में एक बेहद कम उम्र भारतीय लड़की को कुतिया बनाकर, एक काला नीग्रो बेहद वाइल्ड होकर चोद रहा था।
मुझे बड़ा अजीब लग रहा था, इतनी छोटी लड़की इतना मोटा हब्शी लंड कैसे अन्दर ले रही है।
सिर पर दो चोटी बंधे मेरे जिस्म पर सिर्फ सफ़ेद खुली हुई स्कूल की शर्ट और नीला स्कर्ट था।
राजेश बारी बारी से मेरे छोटे छोटे अधखिले बूब्स को मसल रहा था।
शायद राजेश भी काफी दिनों से इसी बात को इंतज़ार कर रहा था, उसने अपनी ज़िप खोली और उसका गोरा मोटा लंड किसी साँप की तरह मेरे सामने लहरा रहा था।
अब तक मैंंने लंड सिर्फ ब्लू फिल्म और किताबों में ही देखा था।
मैंंने एक बार राजेश के लंड को देखा और फिर अपनी गुलाबी चुत को, अब मुझे सच्ची में डर लगने लगा था!
राजेश समझ गया कि मुझे डर लगने लगा है- डरती क्यों है मेरी श्वेता बेबी!
बड़े प्यार से राजेश ने मुझे गोदी में ले लिया और मेरी आँखों में देखने लगा, हम एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे उसकी और साँसें गर्म और तेज हो चुकी थी।
‘क्लास में कोई आ गया तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। शायद हम दोनों को स्कूल से निकाल दिया जाये?’
‘ऐसा कुछ नहीं होगा, तुम बस हाथ सीट से नीचे करके पकड़ कर इसको सहलाओ, अच्छा लगेगा।’ उसने मुझे बेंच पर बैठाया और मेरे हाथो में अपने लंड को पकड़ा दिया और बोला- जैसे ब्लू फिल्म में देखा है, बिल्कुल वैसे ही चुसो।
मैंंने राजेश का लंड अपने हाथों में ले लिया और उसको मस्ती में सहलाने लगी।
राजेश का लंड तुरंत खड़ा हो गया- श्वेता! मुँह में ले न यार.
‘पागल हो क्या? क्लास में ऐसे. मुझे डर लगता है राजेश!’
मैंंने मना कर दिया- मुझको ऐसा कुछ नहीं करना है.
लेकिन राजेश ने मेरा हाथ पकड़ लिया- आई लव यू श्वेता! मैंं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।
मेरे होंठों को चुसने लगा. तो मैंंने कहा- नहीं राजेश. ये सब ग़लत है. तुम मेरे फ्रेंड हो.
राजेश ने मेरे कंधे हाथ रख दिया और कहने लगा- देखो श्वेता, मैंं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ. और जैसे जैसे तुम जवान हो रही हो. मैंं तुम्हें और भी प्यार करना चाहता हूँ।
उसने मेरे गाल पर एक चुम्बन कर दिया. मैंं शर्मा गई और मैंंने कहा- राजेश प्यार तो मैंं भी तुमसे करती हूँ. पर अगर किसी को पता चल गया. तो बहुत बुरा होगा।
राजेश बोला- अरे किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
मैंं तो वैसे ही पोर्न मूवी में उस भारतीय लड़की की चुदाई देख कर गर्म हो चुकी थी. मैंंने ज्यादा नाटक नहीं किया।
‘कुछ नहीं होगा धीरे से चुम कर देख!’ कहते हुए राजेश ने अपना लंड मेरे होंठों पर रख दिया।
और फिर मैंंने यहाँ वहां देख कर डरते हुए राजेश के गोरे लंड का सुपारा अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो राजेश ने मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुँह को पीछे खींचा और अपने दूसरे हाथ से मेरा मुँह खोलकर अपने लंड को पूरा मेरे मुँह में घुसा दिया।
राजेश का लंड इतना बड़ा और मोटा था, कि वो मेरे गले तक उतर गया और फिर राजेश ने मेरे मुँह को पकड़ लिया और अपनी गांड को हिलाकर मेरे मुँह को चोदने लगा।
मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे और मेरे मुँह से घुँ घूँ खों खो! करके आवाज़।
मुझे बड़ा दर्द हो रहा था, उसका लम्बा मोटा लंड जड़ तक मेरे मुँह में था, वह अपने दोनों हाथों से मेरी चोटियों को पकड़कर मेरे सिर को दबाये हुए था।
ऐसा लगा मुझे कि कुछ ही देर में मैंं मरने वाली हूँ लेकिन राजेश को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था, वो बस कसम खा के आया था कि स्कूल की इस नन्ही सी मासूम गुलाबी लड़की को आज चुदना सिखाकर ही मानेगा।
मैंं समझ चुकी थी कि आज यहाँ क्लासरूम में मेरी सील टूटने वाली है।
अब मुझसे से और ज्यादा सहन नहीं हो रहा था और मेरी गुलाबी चुत बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरे मम्मों पर रख दिया और कहा- श्वेता मैंं इनका रस पीना चाहता हूँ!
उसने मेरे शर्ट को ऊपर कर दिया, उसके बाद राजेश ने मेरी कमर में अपना हाथ डाल दिया, अब मैंं भी गर्म हो गई थी, राजेश मेरे मम्मों को ब्रा के ऊपर दबाने लगा. वो बेरहमी से मम्मों को मसल रहा था।
एक साथ दोनों मम्मों को बुरी तरह मसलने से मैंं एकदम से चुदासी हो उठी, राजेश ने मेरे गुलाबी होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उन्हें बुरी तरह चुसने लगे।
वो मुझे पागलों की तरह चुमने लगा था।
फिर राजेश ने मुझे बेंच से उठाया, डेस्क पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे शर्ट के बटन खोल कर मेरे चुचों को पकड़ लिया।
अब उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किए. पहले मेरी कमीज़ निकाली. फिर मेरी स्कर्ट खींच दी, फिर राजेश ने मेरी ब्रा भी निकाल दी और वो मेरे तने हुए मम्मों को चुमने-चाटने लगा।
राजेश बड़ी ही बेहरमी से मेरे चुचों को दबा रहा था और मेरे गुलाबी निप्पलों को मसल रहा था। उसने अब मुँह को मेरे निप्पलों पर लगा लिया और उसको तेजी से चुसने लगा और उनको किसी जानवर की तरह काटने लगा।
राजेश के साथ ये करते हुए बहुत सेक्सी लग रहा था.
मैंं अपने दोस्त के साथ नंगी थी, राजेश मेरे मम्मों को मुँह में पूरा भर के चुस रहा था और अपने एक हाथ से मेरी चुत को भी सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद राजेश ने मेरी अनछुई चिकनी-चिकनी जाँघें चुम लीं. मैंं सिहर उठी! राजेश पागलों की तरह मेरी जाँघों को अपने मुँह से सहला रहा था और चुम रहा था।
फ़िर उसने मेरी लाल पैंटी भी उतार दी मेरी बिना बालों वाली अधखिली गोरी गुलाबी चुत को देखते ही वो एकदम से चकित रह गया और बोला- वाह अभी तो ज्यादा बाल भी नहीं आये हैं, एकदम गोरी मासूम छोटी सी पुसी है तुम्हारी!
मैंं हँस दी.
मेरे पूरी चुत राजेश ने हाथ में थाम ली और मेरी पूरी चुत को दबा दिया, चुत को सहलाता हुआ राजेश बोला- हाय श्वेता. मेरी जान. क्या चीज़ है तू. क्या मस्त माल है. हहमम्म ससस्स हहा.
राजेश ने अन्दर तक मुँह डाल कर मेरी जाँघें बड़े प्यार से चुमी और सहलाते हुए मेरी जाँघों को फैला दिया।
वो मेरी चुत को बुरी तरह मसलने लगा, मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैंं सिसकारी भरने लगी.
राजेश और जोश में चुत को मसलने लगा. उसने मसल-मसल कर मेरी चुत लाल कर दी थी।
उसके इस तरह से रगड़ने से मेरी मुन्नी 2-3 बार झड़ चुकी थी, बहुत गीला हो गया था, राजेश के हाथ भी गीले हो गए थे. सारा पानी निकल बाहर रहा था, मैंं निढाल हो रही थी।
फिर राजेश ने मेरी चुत की दोनों फांकों पर होंठ रख दिए और मेरी कसी हुई चुत के होंठों को अपने होंठों से दबा कर बुरी तरह चुसने लगा।
मैंं तो बस कसमसाती रह गई. मैंं तड़पती मचलती हुई ‘आआहह. आअहह. राजेश. राजेश. हाय. उईई. आहह.’ कहती रही और राजेश चुस चुस कर मेरी अधपकी जवान चुत का रस पीता गया।
बड़ी देर तक मेरी चुत की चुसाई की, मैंं पागल हो गई थी।
तभी राजेश ने अपने कपड़े उतारे और खुद नंगे हो गया और उसका लंड फड़फड़ा उठा. करीब 7 या 8 इंच का लोहे जैसा सरिया था। मैंंने कहा- राजेश. यह तो बहुत बड़ा और मोटा है. ये मेरी चुत में नहीं जा पाएगा!
‘यार दर्द होता होगा बहुत?’ मैंंने डरते हुए कहा।
राजेश ने कहा- श्वेता तू फिकर मत कर. फिर मैंं तेरे से प्यार करता हूँ. तुझे कुछ नहीं होने दूँगा!
उसने अपना लंड मेरी फुद्दी की तरफ बढ़ाया. मैंं सोच रही थी जो हालत अभी उस मूवी वाली लड़की की थी. अब मेरी होने वाली है!
राजेश के लंड के टच करते ही मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया, मैंं बुरी तरह तड़प रही थी।
5 मिनट तक राजेश मेरी चुत को अपने लंड से सहलाता रहा. फिर उसने मेरी फुद्दी पर हल्का सा ज़ोर लगाया. तो मेरी चीख निकल गई, उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था।
राजेश ने कहा- थोड़ा दर्द होगा. लेकिन फिर ठीक हो जाएगा।
मैंंने मंत्रमुग्ध कहा- ओके. लेकिन राजेश प्लीज़ आराम से करना!
राजेश ने ज़ोर से अन्दर डाला. तो उसका आधा लंड मेरे अन्दर कोई चीज़ तोड़ते हुए अन्दर घुसता चला गया!
मेरी आँखों में आँसू आ गए- आह. मैंं मर जाऊँगी राजेश . प्लीज़ निकालो. बहुत दर्द हो रहा है. आह ओफ. ममाआ.
यह कहते हुए मैंं गिड़गिड़ाने लगी. पर वो नहीं माना और उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों लगा दिए।
वो मेरे होंठों को चुसने लगा और अपने लौड़े को मेरी चुत में ऐसे ही डाले रखा। मेरी चुत से खून निकल रहा था और मैंं बुरी तरह तड़प रही थी।
वह कहने लगा- श्वेता, तू मेरे लिए थोड़ा सहन कर ले प्लीज़!
मैंंने हल्के स्वर में कहा- राजेश आपके लिए तो मैंं कुछ भी कर सकती हूँ!
फिर राजेश ने एक जोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चुत में जड़ तक घुस गया।
मैंं तड़प उठी और ‘आह. ओह्ह. राजेश मैंं मर गई.’ कहने लगी।
राजेश मुझे तसल्ली देता रहा और 5 मिनट तक मेरे ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, वो मेरे दूध चुसता रहा।
लगभग 5 मिनट बाद उसने धीरे धीरे झटके मारना शुरू किए।
मैंं- आह्ह. राजेश. मज़ा आ रहा है!
इस बीच मैंं 2 बार झड़ चुकी थी और वो यूँ ही मेरे होंठों को चुसता हुआ मुझे चोदता रहा।
लगभग 10 मिनट बाद राजेश ने अपना सारा माल मेरी चुत में ही छोड़ दिया।
मेरी चुत पानी और खून छोड़ती हुई बुरी तरह फड़फड़ा रही थी, मेरी चुत का हाल-बेहाल हो चुका था।
इस तरह से मैंं पहली बार अपने बॉयफ्रेंड राजेश से चुदवाई थी।
लेकिन एक बार शुरू हुआ यह खेल बार बार होने लगा, कभी पार्क में, कभी कार में तो कभी किसी दोस्त के घर पर!
आप सोच रहे होंगे कि कहानी का शीर्षक तो है ‘पापा की परी की हो गयी चुदाई” और पूरी कहानी में पापा का नाम भी नहीं आया? तो दोस्तो, कहानी के दूसरे भाग को यहाँ से पढ़िये